अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

कर्म का फल एक ऐसा सिद्धांत है जो कहता है कि हमारे किए गए कर्मों का असर हमें जीवन में मिलता है। अच्छे कर्मों से अच्छा फल और बुरे कर्मों से बुरा फल मिलता है। इस सिद्धांत के अनुसार, हमारे कर्म ही हमारे भविष्य को निर्धारित करते हैं।

ऑरा रीडिंग एक अद्वितीय प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति के चारों ओर मौजूद ऊर्जा क्षेत्र को पढ़ा जाता है। इस ऊर्जा क्षेत्र, जिसे 'ऑरा' कहा जाता है, में आपकी शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्थिति की जानकारी होती है। ऑरा रीडिंग के माध्यम से आपके भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य का विश्लेषण किया जा सकता है। यह रीडिंग आपकी ऊर्जा की तीव्रता को समझकर जीवन के विभिन्न पहलुओं को बेहतर बनाने में मदद करती है, जिससे आप अपने आंतरिक संतुलन को पहचान सकते हैं और जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

जन्मकुंडली व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति का खाका होता है, जिसे वैदिक ज्योतिष में महत्वपूर्ण माना जाता है। यह आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे शिक्षा, करियर, विवाह, स्वास्थ्य, और धन की भविष्यवाणी करने में सहायक होती है। जन्मकुंडली के माध्यम से आप अपने व्यक्तित्व, स्वभाव, और भविष्य की संभावनाओं को समझ सकते हैं। इसके आधार पर आप सही निर्णय लेने और जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो सकते हैं। यह एक मार्गदर्शक उपकरण है जो जीवन को सही दिशा में ले जाने में सहायक हो सकता है।

धन योग एक ज्योतिषीय योग है जो धन और समृद्धि का संकेत देता है। सकारात्मक स्थिति में, यह आर्थिक लाभ और समृद्धि लाता है, जबकि नकारात्मक स्थिति में, यह वित्तीय समस्याओं और धन की कमी का कारण बन सकता है। कुंडली में ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है।

कुंडली के पंचम भाव में स्थित ग्रह और उनके स्वामी की दशा एवं अंतर्दशा यह बताती है कि व्यक्ति को संतान सुख प्राप्त होगा या नहीं, और यदि होगा तो किस समय पर। इसके अलावा, इस भाव में पड़ने वाले योगों और दोषों का भी विशेष महत्व होता है। उदाहरण के लिए, यदि पंचम भाव में बृहस्पति, शुक्र, या चंद्रमा जैसे शुभ ग्रह स्थित हों, तो व्यक्ति को संतान सुख की संभावना अधिक होती है। दूसरी ओर, यदि शनि, राहु, या केतु जैसे अशुभ ग्रह पंचम भाव में स्थित हों, तो संतान सुख में बाधा उत्पन्न हो सकती है